अपने आने वाले कल के लिएहम सदैव सशंकित रहते हुए

उसके हेतु विभिन्न प्रकार की
योजनाएं बनाते रहते हैं। इसी
उधेड़बुन में हम यह भूल जाते
हैं कि हमारा आज वही वाला
कल है जिसको उत्कृष्ट बनाने
हेतु हमने कल कितने विशिष्ट
प्रयास किये थे। हम यह भी
भूल जाते हैं कि आज हमारे
पास वो सब कुछ है, जिसको
प्राप्त करने के लिए हमने पहले
कभी सिर्फ सपने देखे थे और
फिर उनको प्राप्त करना जीवन
का लक्ष्य बनाते हुए अपने पूरे
सामर्थ्य, ईमानदारी एवं ताकत
के साथ सार्थक प्रयास किये थे।
किन्तु भविष्य की अनिश्चितता
व आशंकाएं हमें कभी भी अपने
आज को नही जीने देती। हमारी
यही सोच हम को सब कुछ होते
हुए भी सदैव दीन-हीन याचक ही
बनाये रखती है, और हम अपनी
मेहनत, बुद्धि व अथक प्रयासों से
निर्मित अपने सुखमय भविष्य का,
जो हमारा वर्तमान है, उपभोग नही
कर पाते और सदैव आनेवाले कल
की चिंता में अपने आज को भी
व्यर्थ कर देते हैं।

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