हेतु अपने भीतर एक ताक़त की
आवश्यकता होती है, और वो है
खुद पर भरोसा व आत्मविश्वास।
आत्मविश्वास उत्पन्न करने के लिए
पहले हमारे अन्दर काम को करने
की इच्छा-शक्ति होनी चाहिए, और
साथ ही हमारा अपने काम के प्रति
पूरा समर्पण और मन में।दृढ़निश्चय
होना चाहिये।
हमारी कार्यशैली,चाल-ढाल,भाषा-
शैली, बातचीत का तरीक़ा हमारे
आत्मविश्वास का स्तर बताता है।
जिनका मनोबल कमजोर होता है
वह सिर्फ़ सपने ही देखते रह जाते
हैं। किंतु जिनका मनोबल, संकल्प
एवं आत्मविश्वास सशक्त होता है,
वे लोग जो भी सपना देखते हैं, उसे
पूरा कर ही लेते हैं। यदि आप चलते
रहते हैं तो बड़े बड़े पहाड़ों पर भी
चढ़ जाते हैं। परन्तु यदि सिर्फ़ सोचते
ही रहते हैं, तो किसी छोटे से पर्वत
की ऊँचाई देखकर भी निराशा से भर
जाते हैं। अतः हर परिस्थिति में पूरे
आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्य
की दिशा में बढ़ते रहिये और इसी को
अपने जीवन का सिद्धांत बना लीजिए।
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